Tuesday, August 14, 2007
आज़ादी की ६० वीं वर्षगाँठ पर आप सबको हार्दिक शुभकामनायें
Posted by डॉ० कुअँर बेचैन at 9:37 AM 4 comments
Monday, August 6, 2007
कुछ काले कोट
कुछ काले कोट कचहरी के।
ये उतरें रोज अखाड़े में
सिर से भी ऊँचे भाड़े में
पूरे हैं नंगे झाड़े में
ये कंठ लंगोट कचहरी के।
बैठे रहते मौनी साधे
गद्दी पै कानूनी पाधे
पूरे में से उनके आधे-
हैं आधे नोट कचहरी के।
छलनी कर देते आँतों को
अच्छे-अच्छों के दाँतों को
तोड़े सब रिश्ते-नातों को
ये हैं अखरोट कचहरी के।
ये उतरें रोज अखाड़े में
सिर से भी ऊँचे भाड़े में
पूरे हैं नंगे झाड़े में
ये कंठ लंगोट कचहरी के।
बैठे रहते मौनी साधे
गद्दी पै कानूनी पाधे
पूरे में से उनके आधे-
हैं आधे नोट कचहरी के।
छलनी कर देते आँतों को
अच्छे-अच्छों के दाँतों को
तोड़े सब रिश्ते-नातों को
ये हैं अखरोट कचहरी के।
डॉ० कुँअर बेचैन
Posted by डॉ० कुअँर बेचैन at 6:07 AM 4 comments
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