Sunday, July 15, 2007

डॉ० कुँअर बेचैन जी की ओर से सभी को दीपावली की शुभकामनायें


दूर तक जो दीखती हैं दीपमालाएं कुँअर
ये तिमिर के गेह में हैं ज्योति बालायें कुँअर
बातियों की बात सुन लें तो स्वयं खुल जायेंगी
सब के मन में प्रीत की शुभ पाठशालाएं कुँअर

डॉ० कुँअर बेचैन

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