Sunday, April 30, 2023


    ग़ज़ल

     

    दिल पे मुश्किल है बहुत दिल की कहानी लिखना 
      जैसे बहते हुए पानी पै हो पानी लिखना 

          कोई उलझन ही रही होगी जो वो भूल गया 
            मेरे हिस्से में कोई शाम सुहानी लिखना 
               
                आते-जाते हुए मौसम से अलग रह के ज़रा 
                  अब के ख़त में तो कोई बात पुरानी लिखना 

                      कुछ भी लिखने का हुनर तुझको अगर मिल जाए 
                        इश्क़ को अश्कों के दरिया की रवानी लिखना 

                            इस इशारे को वो समझा तो मगर मुद्दत बाद 
                              अपने हर ख़त में उसे रात की रानी लिखना 
                                 
                                  डॉ० कुँअर बेचैन/ ख़ुशबू की लकीर 

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